फतेहाबाद की कैलाश रानी का बिजली बिल 45 हजार रुपये आया तो वो चौक गईं, क्योंकि हर महीने बिल भर रही थीं। अचानक से इतना बिजली बिल देखा तो वे विभाग पहुंचीं। विभाग का कहना था कि गलती से पिछले ढाई साल से कम बिल भेजा जा रहा था, जो अब ठीक करके भेजा गया है। उन्होंने कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने विभाग को मीटर उखाड़ने से रोकते हुए स्टे लगाया और उपभोक्ता को 25 प्रतिशत बिल जमा करवाने के आदेश दिए।
कैलाश रानी का बेटा कुलदीप 25 प्रतिशत राशि के मुताबिक 11 हजार रुपये के सिक्के कट्टे में भरकर लेकर बिजली दफ्तर जमा करवाने गया तो विभाग ने सिक्के लेने से मना कर दिया। उनका कहना था कि बैंक में जाकर जमा करवाकर आओ। कुलदीप का कहना है कि वह बैंक भी गया लेकिन विभाग का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा। उसका कहना है कि कई बार पैसे जमा करवाने जा चुका है लेकिन कर्मचारी सिक्के नहीं लेते। इसका वीडियो भी उसके पास है। उसने अब दोबारा कंज्यूमर कोर्ट में गुहार लगाने का फैसला लिया है।
विभाग बोला- हमने सिक्कों की वेरिफिकेशन के लिए भेजा था
बिजली विभाग के एसडीओ धीरज कुमार का कहना है कि उन्होंने सिक्के लेने से मना नहीं किया। बैंक इसलिए भेजा गया था कि सिक्कों की जांच की जा सके और वहीं से वाउचर भरकर सीधे बैंक में जमा करवाया जा सके। कुलदीप सिंह के वीडियो पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया